नेपाल के अंतिम गांव में एक दिन

छांगरू में इस समय करीब 120 और तिंकर में 72 घर हैं। दोनों गांवों में करीब 1200 लोग रहते हैं। छांगरू के घरों की भव्यता इनके संपन्न अतीत को बयां करती हैं। अतीत में जब तिब्बत के साथ व्यापार में रोक-टोक नहीं थी तो छांगरू और तिंकर उसका प्रमुख केंद्र थे।

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हिमाचल आपदा और बेलगाम विकास

हिमाचल प्रदेश 50 साल बाद एक बार फिर महाआपदा का सामना कर रहा है। पर्यावरणविदों का कहना है कि, आपदा के लिए बिजली परियोजनाओं की सुरंगें, कमजोर पहाड़ों को काटकर फोरलेन सड़कों का निर्माण, अवैध खनन, नदियों को डंपिंग जोन बनाना और पर्यटन के नाम पर अवैज्ञानिक और बेतरतीब निर्माण प्रमुख कारण हैं।

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