नेपाल के अंतिम गांव में एक दिन

छांगरू में इस समय करीब 120 और तिंकर में 72 घर हैं। दोनों गांवों में करीब 1200 लोग रहते हैं। छांगरू के घरों की भव्यता इनके संपन्न अतीत को बयां करती हैं। अतीत में जब तिब्बत के साथ व्यापार में रोक-टोक नहीं थी तो छांगरू और तिंकर उसका प्रमुख केंद्र थे।

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छांगरू की गुफा में रहस्यमय कंकाल

कंकालों से भरी छांगरू की गुफा का रहस्य अब तक अनसुलझा है। आखिर ये कंकाल किसके हैं। कितने पुराने हैं। इन्हें इस खतरनाक चट्टान वाली गुफा तक किसने और कैसे पहुंचाया। क्या यह कंकाल, इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म के प्रचलन का सबूत हैं या फिर उच्च हिमालय का यह प्राचीन गांव अतीत में किसी महामारी की भेंट चढ़ने के संकेत हैं।

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उत्तराखंड की कर्मठ महिलाएँ – 2

जितना श्रम यह महिलायें करती आईं हैं, या करती रही हैं, उतना श्रम शायद ही कोई अन्य करता होगा। अगर इनके श्रम को जी.डी.पी. के संदर्भ में आँका जाए तो शायद आँकलन काफी चौकाने वाला होगा। यह फोटो फ़ीचर इस कड़ी का दूसरा भाग है जो इन जुझारू और कर्मठ महिलाओं की दिनचर्या को दर्शाता है।

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उत्तराखंड की कर्मठ महिलाएँ – 1

वैसे तो पूरे विश्व की महिलाएँ काफ़ी कामकाज़ी रही हैं पर पर्वतीय महिलाओं की ज़िन्दगी उनसे कुछ ज़्यादा ही काम करवाती आयीं है। कठिन भूगोल के कारण पर्वतीय महिलाओं को साधारण कार्य में भी पूरी क़मर तोड़ परिश्रम की आवकश्यता पड़ती है। यह फोटो फ़ीचर उत्तराखंड की कर्मठ महिलाओं के अभिन्न योगदान का चित्रण है।

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